मंगलवार, 2 मार्च 2010

भारत रत्न से जुड़े कुछ तथ्य


1. भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। भारत रत्न सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद ने की थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। जब भारत रत्न सम्मान की शुरुआत हुई उस वक्त मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था। लेकिन 1955 में मरणोपरांत शब्द 1955 में जोड़ दिया गया। अब तक 10 लोगों को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया है।

2.1992 में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को भारत रत्न पुरस्कार से मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था। लेकिन उनकी मृत्यु विवादित होने के कारण पुरस्कार के साथ मरणोपरान्त शब्द जोड़ने पर सवाल खड़ा हो गया। इसके बाद भारत सरकार ने यह पुरस्कार वापस ले लिया। भारत रत्न वापस लिये जाने का यह मात्र उदाहरण है|

3. भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री श्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने भारत रत्न लेने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि जो लोग चयन समिति में रहे हों उन्हें ये सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए। बाद में 1992 में अबुल कलाम को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया।

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